*मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना साकार करने में जुटी है छत्तीसगढ़ सरकार*
*गांवों में तैयार हो रहे आजीविका के अवसर, महिला सशक्तिकरण को मिल रहा बढ़ावा* *समूह द्वारा तैयार उत्पादों को सी-मार्ट से मिल रहा बाजार*
रायपुर, 23 मई 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में जुटी है। शासन की योजनाओं से छत्तीसगढ़ में जहां किसानों को फसल का उचित दाम मिल रहा है वहीं गांवों में आजीविका के अवसर भी गौठान व रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से तैयार हो रहे है। गांवों में पशुधन के लिए बनाये गौठान में तैयार हो रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। प्रदेश में 300 रीपा संचालित किए जा रहे है। जिससे महिलाएं सशक्त हो रही है। गौठानों में तैयार उत्पादों के विक्रय के लिए जिला मुख्यालय एवं संभाग मुख्यालय में सी-मार्ट भी खोले गए है, जिससे इन उत्पादों को बड़ा बाजार मिला है।
रीपा से महिला समूहों के साथ युवाओं को भी मिल रहा रोजगार
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से एक ओर जहां महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर ऐसे युवा जो खुद का काम शुरू करना चाहते हैं और उनके पास पर्याप्त जगह नहीं है। उन्हें गौठानों में बने इन इंडस्ट्रियल पार्कों में काम करने की जगह मिल रही है। प्रथम चरण में रायगढ़ जिले के 7 विकासखंड में 2-2 रीपा तैयार किए जा रहे हैं। गौठानों में समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण के साथ सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे कार्य संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में फेब्रिकेशन, सिलाई यूनिट, एल्यूमीनियम फेब्रिकेशन, मशरूम उत्पादन के साथ ही तेल, आटा, मिनी राइस मिल, गोबर पेंट निर्माण, गोबर के गमले, दीये आदि भी तैयार किए जा रहे है। इससे जुड़े लोगों को ट्रेनिंग भी दिलवायी जा रही है तथा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें बहुत से गतिविधियां स्थानीय स्तर के युवाओं द्वारा की जा रही हैं। रीपा का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है, जिससे लोग स्वावलंबी हो और स्थानीय स्तर पर उन्हें आजीविका के अधिक से अधिक अवसर मिले।
*सी-मार्ट में उत्पादों की हो रही बिक्री*
गौठानों व रीपा में तैयार उत्पादों का विक्रय सी-मार्ट के द्वारा किया जा रहा है। यहां धरमजयगढ़ में तैयार सवई घास के उत्पाद, लैलूंगा से बने मिट्टी के बर्तन, घरघोड़ा में तैयार लाख के उत्पाद के साथ ही स्थानीय स्तर पर तैयार गृह उत्पाद जैसे- आचार, पापड़, बड़ी का विक्रय किया जाता है। सी-मार्ट के माध्यम से गौठानों के प्रोडक्ट के लिए एक बाजार भी तैयार हो गया है। होली के दौरान गौठान में विशेष रूप से हर्बल गुलाल तैयार किए गए, जिसकी बड़ी डिमांड रही।