सुकमा लगातर बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त NH 30 -48 घण्टो से जाम
सुकमा लगातर बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त NH 30 -48 घण्टो से जाम
सुकमा लगातर बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त NH 30 -48 घण्टो से जाम।
एनएच अब भी बाधित कल सुबह तक खुल सकता है रास्ता, जलस्तर कम होने के बाद भी प्रशासन ने सतर्कता बरतने की दी सलाह।
घटने लगा शबरी का जलस्तर, कोंटावासियों को मिली राहत है।
सुकमा जिले में लगातार बारिश से को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है सबसे ज्यादा परेशान ट्रकों के ड्राइवर है तीन दिनों से सबरी का पानी NH 30 से घटने पर जाम खुले और वे ट्रक लेकर निकले आपको बता दे कि दूसरी और कोंटा और आंध्रप्रदेश के चेट्टी के बीच लगातार चौथे दिन वीरापुरम में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर पानी भरे रहने से आंध्रप्रदेश के साथ सड़क संपर्क टूटा रहा। शबरी का जलस्तर 11 फीट के स्तर तक पहुंचने पर मार्ग खुलने की बात अधिकारियों ने कही है।
पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर घटने से यहां काँटा में शबरी नदी का जलस्तर भी कम होने लगा है। रविवार सुबह से शबरी नदी का जलस्तर कम होना शुरू हो गया था। राम छह बजे कोंटा में नदी का जलस्तर 13.770 मीटर था, जो वार्निंग लेवल से अधिक किंतु खतरे के निशान से नीचे था। जल संसाधन विभाग ने अगले 24 घंटे में जलस्तर के और नीचे जाने की संभावना जताई है। नदी का जलस्तर कम होने से काँटा नगर पंचायत के लोगों ने राहत की सांस ली है क्योंकि एक दिन राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर बाढ़ का पानी कम होने लगा है। सौः संवाद सूत्र पहले शनिवार को स्थानीय प्रशासन निचली बस्तियों वार्ड क्रमांक 15, द्वारा आंशका जताई गई थी कि 14 और 13 में प्रवेश कर सकता रविवार रात तक नदी का जलस्तर था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे बढ़ने से बाढ़ का पानी कोंटा की कोंटावासियों ने राहत की सांस ली सोमवार को भी मार्ग बाधित रह सकता है। इधर प्रशासन बाढ़ का खतरा कम होने के बावजूद पूरी सतर्कता बरत रहा है। अधिकारी कौटा में ही तैनात हैं। बाद व आपदा राहत व स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों - कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए गए हैं। राहत शिविर तैयार रखे गए हैं। वैक वाटर से बढ़ता है खतरा कोटा से 132 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर निर्माणाधीन पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना के कारण शबरी नदी में बैकवाटर के कारण बाढ़ की स्थिति जल्दी बन जा रही है। गोदावरी नदी के उफान पर आने से शबरी नदी में बैकवाटर कोटा नगर में घुस जात है। जैसा कि पिछले साल देखने को मिला था। 15 दिनों से अधिक समय तक कोटा में बाढ़ की स्थिति बनी थी। इससे काफी नुकसान हुआ था। इस साल अभी वैसी स्थिति नहीं बनी है।