आंगनबाड़ी के सामने मधुमक्खी के हमले से 5 वर्षीय छात्र ऋषभ की दर्दनाक मौत
आंगनबाड़ी के सामने मधुमक्खी के हमले से 5 वर्षीय छात्र ऋषभ की दर्दनाक मौत
आंगनबाड़ी के सामने मधुमक्खी के हमले से 5 वर्षीय छात्र ऋषभ की दर्दनाक मौत हो गई, आंगनबाड़ी के अंदर छाता बनाकर रह रहे मधुमक्खी ने बच्चों पर हमला किया आंगनबाड़ी सहायिका के मौजूद होने के बावजूद छात्र को नहीं बचाया गया बाद में छात्र की मां ने दौड़कर बच्चे को मधुमक्खी के हमले से छुड़ाया और अस्पताल लेकर गई जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई मामला गौरेला के दौजरा गांव का है, परिजन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर लापरवाही भारत ने का आरोप लगा रहे हैं...
महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली जिसमें एक 5 वर्षीय बच्चे की जान चली गई मामला गोरेला विकासखंड की दौजरा गांव के ऊपरपारा आंगनवाड़ी का है जहाँ आंगनबाडी के टॉयलेट के अंदर खतरनाक मधुमक्खियों का एक बड़ा छाता मौजूद है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुपरवाइजर सहित विभाग ने पूरी तरह अनदेखी करते हुए उसको उसी के हाल में छोड़ दिया, धीरे-धीरे मधुमक्खी का छाता लगभग 2 फीट बड़ा हो गया बीते 9 अगस्त को दोपहर के वक्त जब 5 वर्षीय विषय आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के साथ आंगनबाड़ी के सामने खेल रहा था तभी मधुमक्खियों ने छात्रों पर हमला कर दिया मधुमक्खी के हमले के बाद सारे बच्चे भाग गए पर ऋषभ मधुमक्खियां से गिरने की वजह से जमीन पर गिर पड़ा इस दौरान लगातार मधुमक्खियां का झुंड ऋषभ के सिर हाथ पैर में काटता रहा मधुमक्खियां के दांत से पीड़ित ऋषभ लगातार चीख पुकार करता रहा पर पास ही मौजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने उन्हें बचाने का कोई प्रयास नहीं किया बाद में आंगनबाड़ी के सामने थोड़ी ही दूर पर मौजूद बच्चों की मां ने अपने बेटे ऋषभ की चीज पुकार सुनी तो बेटे को बचाने मां दौड़ पड़ी और खुले हाथों से ही बच्चे को उठाकर भाग और अपने आंचल में मधुमक्खियां हटाकर उसे छुपा ली इस दौरान मधुमक्खियां ने उसकी मां को भी काटा पर मां बच्चे को लेकर भाग गई घायल ऋषभ को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई इस दौरान एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली सरकारी आंगनबाड़ी के टॉयलेट में काफी बड़ा मधुमक्खियों का छत्ता मौजूद है जिसे आंगनबाड़ी विभाग ने पूरी तरह नजरअंदाज किया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने यह बताया कि मधुमक्खियों के छाते की वजह से वह पिछले कई महीनों से टॉयलेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं और बच्चों को लेकर तालाब जाते हैं पर मधुमक्खियां को वहां से हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जो एक छात्र की मौत का कारण बना....
दया सिंह परिहार
पेंड्रा