गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलें में राइस मिलरो की नादिर शाही और खाद्य विभाग की हीला हवाली से 1 महीने बाद भी नहीं बदले जिले में चावल भंडारण के हालात
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलें में राइस मिलरो की नादिर शाही और खाद्य विभाग की हीला हवाली से 1 महीने बाद भी नहीं बदले जिले में चावल भंडारण के हालात
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिलें में राइस मिलरो की नादिर शाही और खाद्य विभाग की हीला हवाली से 1 महीने बाद भी नहीं बदले जिले में चावल भंडारण के हालात, नागरिक आपूर्ति निगम के वेयर हाउस कारपोरेशन के गोदाम हुए खाली.. 15600 मेट्रिक टन की क्षमता के गोदामों में सिर्फ 5800 मेट्रिक टन चावल ही शेष, रिजर्व क्षमता का आधा चावल ही शेष है गोदामो में , जबकि जिले में लगभग 10 हजार मैट्रिक टन चावल रिजर्व के रूप में रखना है अनिवार्य... CMR (Custom Milled Rice) जमा में प्रदेश में सबसे नीचे 33 नंबर पर पहुंचा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला.. अब तक सिर्फ 65% चावल ही हो सका है जमा.. FCI और NAN मिलाकर 32700 मेट्रिक टन चावल जमा होना है शेष.. राइस मिलो की जांच के दौरान 80 मेट्रिक टन धान की पाई गई थी बड़ी कमी जबकि प्रशासन की कार्यवाही सिर्फ नोटिस-नोटिस तक ही है सीमित...
जिले के चावल के रिजर्व भंडार में 1 महीने बाद भी नहीं हुआ सुधार, शासन द्वारा निर्धारित चावल की रिजर्व क्षमता के अनुरूप नही हो सका चावल का भंडारण.. राइस मिलरो की गड़बड़ी की वजह से जिले में फिर उत्पन्न हो सकता है चावल संकट,.. जिले में राइस मिलरो द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की गति में कमी आने के बाद छत्तीसगढ़ वेयरहाउस कारपोरेशन में निर्धारित क्षमता से कमी आने पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए अनुबंध किए गए राइस मिलरो के गोदामो और मिलो में जांच कार्यवाही के बाद लगभग 80 मेट्रिक टन धान की बड़ी कमी पकड़ी गई, जिसके बाद राइस मिलो में रखें 2 लाख क्विंटल धान जप्त कर लिया गया, जिसके बाद पूरे मामले का प्रकरण बनाकर कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया गया पर प्रशासन ने राइस मिलो पर कोई बड़ी कार्यवाही करने के बजाए सिर्फ नोटिस तक सीमित कर दिया, जिसकी वजह से राइस मिल संचालकों के हौसले बुलंद हो गए हालांकि कार्यवाही के बाद मिल संचालकों ने प्रशासन को आश्वासन दिया कि वे तेजी से धान की मिलिंग करके या बाजार से खरीद कर सीएमआर जमा करेंगे पर लगभग 1 महीने बाद भी जिले के निर्धारित चावल रिजर्व स्टॉक में बढ़ोतरी नहीं हुई, जो अत्यंत गंभीर मामला है, जिले में वेयर हाउस कारपोरेशन के गोदामों में भंडारण की कुल क्षमता 15600 मेट्रिक टन है पर चावल का कुल भंडारण सिर्फ 5800 मेट्रिक टन ही शेष है जो कुल भंडारण क्षमता का लगभग 10000 मेट्रिक टन कम है,... राइस मिलरो द्वारा सरकारी धान में किए गए गफलत की वजह से जिला पूरे प्रदेश में सीएमआर जमा करने में प्रदेश में सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है जो 33 वा नंबर है... दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ से अनुबंध करने के बाद धान खरीदी केंद्रों से डी ओ के बदले उठाए गए धान की कस्टम मिलिंग कर नागरिक आपूर्ति के गोदामों के साथ-साथ केंद्रीय पूल का चावल एफसीआई में जमा करना अनिवार्य होता है राइस मिलरो ने धान खरीदी केंद्रों से धान उठाओ तो किया पर उसकी मीनिंग नहीं की, देरी होने एवं चावल की कमी होने पर जब प्रशासन ने जांच की तो बड़े मात्रा में धान की कमी पाई गई, इतनी बड़ी मात्रा में कमी सिर्फ भंडारित धान के साथ गड़बड़झाला करके या उसे बेच देने या डीईओ एडजस्ट कर धान के साथ गड़बड़झाला करने पर ही आ सकती है.. मामला सामने आने के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ऐसी कार्यवाही नहीं की जिससे चावल के भंडारण में गतिशीलता आए या दोबारा इस तरह की गड़बड़ी न हो प्रशासन का यह रवैया पूरी प्रशासनिक कार्यवाही को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है...