*गौठानों के माध्यम से भूपेश सरकार ने भ्रष्टाचार के लिए खोल लिया नया रास्ता: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*गांव-गांव जाएंगे "आप" पदाधिकारी और कार्यकर्ता, गौठानों में हुए भ्रष्टाचार की खोलेंगे पोल: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*रायपुर, 21 अप्रैल 2023..छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने नरवा गरवा घुरवा बाड़ी पर करोड़ों रूपए खर्च कर दिए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। प्रदेश में गौठानों की हालत बद से बदतर है। प्रदेश के कई जिलों में गौठानों में गायों के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर कई सवाल खड़े किए। भूपेश बघेल अन्य राज्यों में जाकर चुनाव में गौठानों के नाम वोट मांगते हैं, लेकिन आलम यह है कि गौठानों में गायों के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है।
"आप" प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कुछ जिलों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में ही आप जाएं और देखें तो हकीकत समझ आ जाएगी। जहां रोड पर बड़ी संख्या में गाय टलहती मिल जाएंगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कि प्रदेश के मुखिया के क्षेत्र का यह हाल है तो अन्य जिलों का क्या हाल होगा?
कोमल हुपेंड़ी ने बताया कि कोडागांव के ग्राम पंचायत किबई बालेंगा में बने गौठान का बोर्ड तो लगा है लेकिन गौठान गायब हो गया है। इसके अलावा बेमेतरा में गौठान शोपीस बनकर रह गई है। गौठान बिरान पड़े हैं, लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है। गायों ने अपना बसेरा सड़कों पर बना लिया है। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिसमें गायों के साथ-साथ जन हानि भी हो रही है। उन्होंने सरकार की इस योजना को फेल बताया है। हुपेंडी ने कहा कि भूपेश सरकार ने गौठानों के माध्यम से भ्रष्टाचार के लिए एक नया रास्ता खोल लिया है।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी को सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना बताते हैं, लेकिन प्रदेश में गौठान सिर्फ शोपीस बनकर रहे गए हैं। भूपेश सरकार ने हर पंचायत में करोड़ों रूपए खर्च करके गौठान तो बना दिया, लेकिन इन गौठानों में न तो पानी की व्यवस्था है न ही चारे की। उन्होंने कहा कि गौठान बनाने के नाम करोड़ों खर्च कर दिए जाते हैं, न तो गाय दिखती है और न ही वहां कोई व्यवस्थाएं हैं। गाय सड़कों पर घूम रही हैं। कई गौठानें खाली पड़ी हैं, वहां एक भी गायें नहीं हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि गौठानों के नाम पर खर्च किए जाने वाला पैसा कहां जा रहा है?
कोमल हुपेंडी ने कहा कि बीते दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक करके सभी अधिकारियों को गौठानों में पैरा-पानी और छाया समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए निर्देश देते हैं। यानी कि मुख्यमंत्री की बात से ही साबित हो जाता है कि गौठानों में कोई व्यवस्थाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गौठानों के नाम पर सरकार पैसा तो खूब बांट रहीं है, लेकिन यह पैसा जा कहां रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि गौठानों के नाम सिर्फ उगाही हो रही है। गौठान समितियों के लिए भूपेश बघेल ने 151 करोड़ 65 लाख रूपए का भुगतान किया। इससे स्पष्ट है कि पैसा तो खर्च किया जा रहा है, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत समझ से परे है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही एक भी योजना जमीन पर नहीं उतर रही है और न ही किसी योजना का फायदा जनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गौठानों की हालत को लेकर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर एक-एक गौठानों की हकीकत प्रदेश की जनता को दिखाएगी और भूपेश सरकार ने जो गौठानों के नाम पर भ्रष्टाचार किया है उसकी पोल खोलने का काम करेगी।