छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आपको एक ऐसी महिला शिक्षक के जज्बे की खबर दिखा रहे है जो अपने कर्तब्यों का पालन करने के लिए नदी को पार करके स्कूली बच्चों का भविष्य सवांर रही है,

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आपको एक ऐसी महिला शिक्षक के जज्बे की खबर दिखा रहे है जो अपने कर्तब्यों का पालन करने के लिए नदी को पार करके स्कूली बच्चों का भविष्य सवांर रही है,

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आपको एक ऐसी महिला शिक्षक के जज्बे की खबर दिखा रहे है जो अपने कर्तब्यों का पालन करने के लिए नदी को पार करके स्कूली बच्चों का भविष्य सवांर रही है,

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आपको एक ऐसी महिला शिक्षक के जज्बे की खबर दिखा रहे है जो अपने कर्तब्यों का पालन करने के लिए नदी को पार करके स्कूली बच्चों का भविष्य सवांर रही है,

 जिसकी तारीफ अब जिले कलेक्टर भी कर रहे है ।

वीओ 01 जी हां इन तस्वीरों में जो महिला कमर भर पानी मे नदी को पार करी है उनका नाम कर्मिला टोप्पो है और यह  महिला एक शिक्षिका है जो कि बलरामपुर जिले के झींगों गांव की रहने वाली है और इनकी पोस्टिंग वाड्रफनगर विकासखंड में गुरमुटी गांव के धौरपुर प्राथमिक स्कूल में है ,

जो कि नदियों और जंगलों के बीच मे बसा हुआ एक आदिवासी मोहल्ला है,,और यहाँ पर प्राथमिक शाला का संचालन किया जाता है ,,लेकिन यहाँ तक पहुचने के लिए इरिया और मोरन दो बडी नदियों के संगम को पार करके जाना पड़ता है ,, कर्मिला वाड्रफनगर में अपने दोनों बच्चों के साथ रहती है और उनके पति खुद एक शिक्षक है जिनकी पोस्टिंग जिले के दूसरे विकासखंड में है ,,
कर्मिला वाड्रफनगर से स्कूटी से आती है और फिर नदी से लगे हुए मढ़ना गांव में स्कूटी को खड़ा करके करीब तीन किलोमीटर तक पैदल अपने स्कूल धौरपुर पहुचती है ,लेकिन इस बीच मे पड़ने वाली नदी भी कर्मिला के रास्ते को नही रोक पाती है और कमर तक पानी मे नदी को पार करके कर्मिला अपने स्कूल जाती है,,जहाँ पर करीब 10 बच्चे प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए आते है और जोखिम भरे रास्ते को तय करके कर्मिला यहाँ तक पहुचती है,,,
कर्मिला ने बताया कि नदी को पार करने में डर तो लगता है लेकिन बच्चों के भविष्य की बात है इसलिए कमर के ऊपर तक भी नदी के पानी को पार करके स्कूल आती है और बच्चों के बीच मे पहुच कर शिक्षा का अलख जगा रही है ,,,वहीँ कर्मिला टोप्पो के हौसले के तारीफ जिले के कलेक्टर रिमिजुएस एक्का ने भी की है और इसके साथ ही उन्होंने अन्य शिक्षकों के साथ साथ शाशकीय कर्मचारियों को भी अपने कर्तब्यों के प्रति निष्ठावान रहने की बात कही है ।