*छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का नहीं बल्कि 9 हजार करोड़ से अधिक का हुआ है शराब घोटाला: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*सीएम भूपेश और आबकारी मंत्री की ईडी ने अबतक क्यों नहीं की जांच: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप* *घोटाले को छिपाने के लिए 2021 से विभाग की बंद कर दी गई आधिकारिक वेबसाइट: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*रायपुर, 15 मई 2023..छत्तीसगढ़ में 2000 शराब घोटाले का मामला सामने आया है। इस घोटाले को लेकर प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज, सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई बड़े खुलासे किए। इस दौरान उनके साथ पार्टी मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय, प्रदेश सचिव प्रियंका शुक्ला और सह सचिव अभिषेक जैन मौजूद रहे। कोमल हुपेंडी ने 3 वर्षों से छत्तीसगढ़ में हो रही शराब की अवैध बिक्री कर करोड़ों-अरबों की काली कमाई कर रही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कई अहम सबूतों के साथ इस शराब घोटाले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सहयोगियों द्वारा छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता को नशे की लत डाल अपना, अपने चहेतों और अपने आकाओं का घर भरा जा रहा है।
पूरे मामले को लेकर कोमल हुपेंडी ने कहा कि पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन द्वारा विगत 3 वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक शासन में बैठे जवाबदार अधिकारियों से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक को पूरे सबूतों के साथ शिकायत पत्र प्रेषित किया गया, लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार काली कमाई करने में इतनी व्यस्त थी कि सभी शिकायतों को दरकिनार कर दिया। आम आदमी पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध बिक्री को लेकर कलेक्टर महासमुंद का घेराव भी किया गया, लेकिन शासन-प्रशासन में पर बैठे रसूखदारों के चलते कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध दर्ज कराया जाता रहा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक खबर पहुंचने के बाद 'आप' हाई कमान से हरी झंडी मिलने के बाद मामले का खुलासा पूरे सबूतों के साथ किया जा रहा है।
कोमल हुपेंडी ने बताया कि मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन द्वारा पहली शिकायत 02 जुलाई 2020 को कलेक्टर महासमुंद से की गई, जिसमें जिले के सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट सरकारी हॉलमार्किंग वाली शराब उत्पादक से सीधे शराब दुकानों में खाली होती है और बिना स्कैनिंग के उसे बेचा जाता है। जबकि ''छत्तीसगढ़ शासन के आबकारी नियम के अनुसार उत्पादक से शराब की पेटियां अधिकृत वाहनों से सीधे संबंधित क्षेत्र के वेयरहाउस पहुंचाया जाता है। जिसके बाद आवश्यक परिक्षण और स्टाक मिलान के बाद "पहले आना पहले जाना" के आधार पर क्षेत्र के शराब दुकानों में पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत शासकीय शराब दुकानों के ऑर्डर वैल्यू का भुगतान सम्बंधित जिला आबकारी अधिकारी द्वारा किए जाने के बाद परमिट जारी किया जाता है, तब जाकर शराब से भरी वाहनों को दुकानों के लिए रवाना किया जाता है।" लेकिन इस पर भी प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया, जिसके बाद पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा शराब दुकानों में आपूर्ति किए जा रहे वाहनों की लगातार जांच की गई और छत्तीसगढ़ में किए जा रहे शराब घोटाले के साक्ष्य जुटाए गए।
कोमल हुपेंडी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2020 को शाम 4.45 बजे वाहन क्रमांक CG.25.G.9155 में 800 पेटी देशी मदिरा लाया गया। इस दौरान जब पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने ड्राइवर से परमिट के बारे में पूछा गया तो वह गाड़ी छोड़कर गायब हो गया। उसके बाद दुकान के सुपरवाईजर कमलेश पाण्ड़े से पूछा गया तो वह गोल-मोल जवाब देने लगे और अधिकारियों को फोन करके सूचना दिया कि अभिषेक जैन द्वारा परमिट पूछा जा रहा है। जिससे अधिकारी तुंरत हडबड़ा कर फर्जी परमिट बनाने में जुट गए। लगभग 7.15 बजे परमिट लेकर उप-निरीक्षक (मधुकर) व इंस्पेक्टर (शुक्ला) पहुंचे, तब अभिषेक ने मांग कि इस मदिरा की पेटियों का बारकोड स्कैन करके बताया जाए, लेकिन वह नहीं करवा पाए। जिसके बाद अभिषेक द्वारा जिला आबकारी अधिकारी मंजू कासरे को पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने की मांग की गई, लेकिन अधिकारी ने टाल मटोल कर गुमराह कर दिया। जिसके बाद गाड़ी की तहकीकात की तो उन्होंने जानकारी दी कि यह गाडी महासमुन्द वेयरहाउस से 4.30 बजे निकली है। जिसका सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की तो उक्त दोनों अधिकारियों ने फुटेज दिखाने से मना कर दिए।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को लगभग 5.00 बजे फोन करके इसकी सूचना देनी चाही, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद उपरोक्त वाहन का लगभग 2 बजे से 5 बजे के अंतराल का जीपीआरएस लाइव लोकेशन निकाला तो उसमें पाया कि उपरोक्त बिना परमिट जारी वाहन उत्पादक, छत्तीसगढ़ डिसलरी, केडिया, कुम्हारी जिला दुर्ग से निकलकर शाम 4.03 पर रसनी टोल प्लाजा आरंग को क्रास किया और उसके बाद यह वाहन 04.45 को 30 किलोमीटर का सफ़र तय कर सीधे देशी शराब दूकान, दलदली रोड, महासमुंद में पहुची और शराब की पेटिया बिना स्कैन किए खाली हुई। लेकिन अधिकारियों के मिलीभगत के चलते बताया गया कि 4.30 बजे यह वाहन वेयरहाउस महासमुंद से निकलकर आ रहा है, जो पूर्णतः असत्य है। क्योंकि यह वाहन 4.03 बजे पर रसनी टोल प्लाजा आरंग को क्रास 04.45 पर शराब दुकान केवल 30 किलोमीटर का ही सफ़र तय कर सकता है, न कि इतने कम समय में वेयरहाउस महासमुंद 800 शराब पेटी खाली कर फिर से लोड कर परमिट के साथ “पहले आना पहले जाना” प्रणाली के तहत दूकान तक पहुंचना असंभव है। साथ ही अभिषेक जैन द्वारा तुरंत ही विभाग के वेबसाइट से 3 दिसंबर 2020 को सभी वाहनों को जारी किए गए परमिट की सूची डाउनलोड कर देखा तो पाया कि, उपरोक्त वाहन का उक्त दिनांक को परमिट ही जारी नहीं किया गया।
कोमल हुपेंडी ने बताया कि इसी प्रकार आम आदमी पार्टी द्वारा कुल 3 वाहनों की जांच पड़ताल की गई, जिसकी जानकारी शिकायत पत्र साक्ष्य सहित संलग्न है। आपको यह भी बताना महतवपूर्ण है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार द्वारा आबकारी विभाग के शराब घोटाले को जनता से छुपाने के लिए विभाग की आधिकारिक वेब साइट excise.cg.nic.in को विगत मार्च 2021 से आज दिनांक तक बंद कर दिया। जिसके लिए तत्कालीन एन.आई.सी. छत्तीसगढ़ प्रमुख श्री त्रिपाठी और तत्कालीन आयुक्त, आबकारी छत्तीसगढ़ श्री निरंजन दास जिम्मेदार हैं। यह महतवपूर्ण है कि, शराब उत्पादक के खर्चा हटाने के बाद मूल्यांकन करने से सीधे लगभग 15 लाख रूपये प्रति वाहन की काली कमाई अवैध शराब बिक्री घोटाले से कमाया गया है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ के केवल एक जिला महासमुंद के 36 शराब दुकानों में प्रतिदिन लगभग 05 बिना परमिट वाहनों से आपूर्ति किया जाता था। इस प्रकार प्रतिदिन लगभग 75 लाख/ 30 दिनों में लगभग 22.50 करोड़ रूपए/प्रतिवर्ष 270 करोड़/ विगत 3 वर्षो में लगभग 810 करोड़ इस प्रकार पूरे छत्तीसगढ़ में विगत 3 वर्षों की 12 बड़े जिलो में अवैध शराब बिक्री घोटाले की कुल काली कमाई का आकड़ा लगभग 9720 करोड़ रूपए होता है, जो कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार, रसूकदार ब्यूरोक्रेट्स और मातहत अधिकारियों के संरक्षण और मिलीभगत से किया गया है।
कोमल हुपेंडी ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा अधिकृत किए गए वाहनों की सूची है। उक्त सभी वाहनों का विगत 3 वर्षों का जीपीआरएस लाइव लोकेशन, रूट और विभाग द्वारा जारी किए गए परमिट का मिलान करने पर अवैध शराब बिक्री घोटाले के साक्ष्य और सबूत एकत्रित किए जा सकते हैं। जिससे आरोपियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई किए जाने में सहयोग मिलेगा। आबकारी विभाग द्वारा शराब विक्रय के लिए अधिकृत किए गए प्लेसमेंट एजेंसी जिनमें प्रमुख इगल हंटर, सुमित सर्विसेस, अलर्ट कमांडो, कॉल मी सर्विसेस द्वारा नगद लाने लेजाने में प्रयोग किए गए सभी वाहनों के विगत 3 वर्षों के लाइव जीपीआरएस लोकेशन के आधार पर भी अवैध नगदी लाने ले जाने की पुष्टि की जा सकती है कि, प्रतिदिन कितनी बार किस जिलों से नगद राशि लाया गया है और उक्त अवैध काली कमाई को कहां पहुंचाया गया होगा। उन्होंने बताया कि महासमुंद जिले के लिए उपरोक्त प्लेसमेंट एजेंसियों को संचालित करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति प्रवेश सुराना को अधिकृत किया गया था जो वैध और अवैध राशि का हिसाब-किताब और लेनदेन का विवरण रखता था। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी बिचौलियों की मदद से शराब की अवैध बिक्री की घटना को अंजाम दिया जाता है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने भूपेश सरकार से कई सवाल पूछे हैं। 1. 33 जिलों के आबकारी अधिकारी कहां हैं और कितनों से पूछताछ हुई। 2. सरकार ने विभाग की आधिकारिक वेबसाइट excise.cg.nic.in को क्यों बंद की? 3. सभी अधिकारी, कलेक्टर, सचिव, मुख्यमंत्री समेत राष्ट्रपति को पत्र लिखा गया, लेकिन दो सालों तर इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? 4. अनवर ढेबर और सीएम भूपेश बघेल के बीच का क्या रिश्ता है? 5. आबकारी आयुक्त ने अपनी संपत्ति का ब्योरा क्यों छिपाया, इसकी जांच क्यों नहीं हुई? 6. मुख्यमंत्री, आबकारी मंत्री और कांग्रेस के नेताओं-मंत्रियों के खिलाफ जांच अबतक क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि भूपेश सरकार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें, अन्यथा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा चक्काजाम और उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।