*सीजीपीएससी के नतीजों पर कांग्रेस-बीजेपी बंद करे राजनीति, दोनों सरकारों के समय हुई अनियमितताओं की हो जांच: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*

*प्रदेश के 33 जिलों में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की जांच की मांग: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*

*सीजीपीएससी के नतीजों पर कांग्रेस-बीजेपी बंद करे राजनीति, दोनों सरकारों के समय हुई अनियमितताओं की हो जांच: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*सीजीपीएससी के नतीजों पर कांग्रेस-बीजेपी बंद करे राजनीति, दोनों सरकारों के समय हुई अनियमितताओं की हो जांच: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*

*रायपुर, 20 मई 2023..छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग-2021 के परिणामों में अनियमितताओं को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज, शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राज्य की भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। कोमल हुपेंडी ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के नेता सीजीपीएसी को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी के शासन काल 2018 में हुए सीजीपीएसी चयन परीक्षा की सूची जारी करके अनियमितता का आरोप लगा रही है। अगर आप यह मानते हैं कि रमन सरकार में अनियमितताएं हुईं हैं और कांग्रेस के नेताओं को इसकी जानकारी है तो उसकी भी जांच कराई जाए। क्योंकि वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। साथ ही 2021 के चयन प्रक्रिया में जो गड़बड़ी हुई है, उसकी भी जांच कराई जाए। 

कोमल हुपेंडी ने कहा कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे के कार्यकाल की अनियमितताएं गिना रही हैं, लेकिन इस गंदी राजनीति में छत्तीसगढ़ का युवा पिस रहा है, वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। गरीब बच्चों ने दिन रात पढ़ाई करके पर परीक्षाएं दी, उनका भविष्य खराब हो रहा है और बीजेपी-कांग्रेस अपने-अपने चहेतों का कैरियर बनाने में लगी हुई है। गरीब तबके के बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। लेकिन दोनों पार्टियां लिस्ट जारी कर रही हैं कि किसके समय में कितनी अनियमितताएं हुईं हैं। इस पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य न बर्बाद हो। उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि दोनों पार्टियां गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रही हैं। 

कोमल हुपेंडी ने जारी परीक्षा परिणाम को लेकर भूपेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीजीपीएससी में टॉप 20 सीटों का करोड़ों रूपए में सौदा हुआ है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। यह गंभीर मामला है। जिन छात्र-छात्राओं ने मेहनत किया उनके सपनों पर रसूखदारों ने अपने पैसों के बल पर पानी फेर दिया। टॉप के 25 नामों में सिर्फ अधिकारी, नेता और प्रभावशाली वर्ग के अभ्यर्थियों का नाम शामिल हैं। ऐसे में नाकाबिल अधिकारी चयनित होकर राज्य का क्या भला करेंगे। लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाओं पर अगर प्रश्न चिन्ह लगेगा तो युवाओं का राज्य प्रशासनिक सेवाओं से विश्वास जल्द ही उठ जाएगा और राज्य की व्यवस्था चरमरा जाएगी। 

टॉप के नाम के लिए बोलियां लगाई गईं, जिसका पूरा लाभ प्रभावशालियों जमकर उठाया है। सिविल सर्विस मेंस के टॉप 20 मेरिट लिस्ट में विभागीय अधिकारियों और व्यापारियों के बच्चों का चयन होना, लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता को कठघरे में खड़ी करती है। एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने से यह संदेह और बढ़ जाता है। यह गंभीर आरोप है। टॉप 20 सीट का करोड़ों रूपए में सौदा हुआ है। जिन छात्र-छात्राओं ने मेहनत किया उनके सपनों पर रसूखदारों ने अपने पैसों के बल पर पानी फेर दिया। कई अधिकारी-नेताओं के बच्चों का नाम शामिल होने से छत्तीसगढ़ का आम युवा ठगा हुआ महसूस कर रहा है। 

कोमल हुपेंडी ने कहा कि एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चाहिए कि पूरे मामले की निष्पक्ष तौर पर उच्च स्तरीय जांच कराएं। अन्यथा लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाओं पर अगर प्रश्न चिह्न लगेगा तो युवाओं का राज्य प्रशासनिक सेवाओं से विश्वास उठ जाएगा और राज्य की व्यवस्था चरमरा जाएगी। और अगर लोक सेवा आयोग में ऐसे ना काबिल अधिकारी चयनित हो रहे हैं तो आखिर राज्य का क्या भला करेंगे। निश्चित ही अगर मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी तो कई रसूखदारों के नाम सामने आएंगे, इसीलिए भूपेश सरकार जांच कराने से बच रही है। इसमें प्रदेश सरकार के आला अधिकारी, कई मंत्री, नेता और बड़े व्यवसायी शामिल हैं।

'आप' प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि सीजीपीएसी-2021 के परीक्षा परिणाम में अनियमितताओं को लेकर आज प्रदेश के सभी 33 जिलों में आम आमदी पार्टी के जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। यदि गड़बड़ी की जांच नहीं कराई जाती है तो पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर भूपेश सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे।