*कोरोना को लेकर नेता प्रतिपक्ष गलत बयानी कर भय न फैलायें - कांग्रेस*
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा , ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देना चाहिये कि वह कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है।
रायपुर/22 अप्रैल 2023। कोरोना को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल द्वारा दिये गये बयान को प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रदेश में अनावश्यक भय फैलाने वाला बताया है। कोरोना से निपटने को लेकर राज्य सरकार की पूरी तैयारी है, किसी को डरने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य अमला पूरी तरह सजग है और कोरोना के केस मिलना शुरू होते ही राज्य सरकार ने इसके लिये गाइड लाइन जारी कर दिया है। सभी जिलों अस्पतालों, सभी मेडिकल कॉलेजों एवं स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना की जांच और उसके इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है। राज्य में प्रतिदिन 6000 के लगभग लोग कोरोना की आशंका से अपना परीक्षण करवाने आ रहे है। भले ही पॉजीविटी 9 के लगभग है लेकिन संक्रमण की आशंका वाले लोगों की संख्या कम है तभी परीक्षण कराने वाले लोगों की संख्या कम है। नेता प्रतिपक्ष सिर्फ राजनीति करने के लिये कोरोना के आंकड़ों को लेकर जो बयानबाजी कर रहे है, उससे अनावश्यक भय के हालात पैदा होते है। प्रदेश में हालात डरने वाली नहीं है, लोगों को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है। जिम्मेदार पद पर बैठे हुये लोगों को कोरोना जैसे संवेदनशील मामले में सोच समझकर बयान देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में प्रतिदिन 12,000 कोरोना केस निकल रहे है और देश में अभी तक सक्रिय मरीजों की संख्या भी 60,000 के ऊपर पहुंच चुकी है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देना चाहिये कि वह कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है जिसके कारण कोरोना के केस देश में बढ़ रहे है। छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना के पिछले तीनों भयावह दौर में भी सजग और मुस्तैद थी तथा अपने नागरिकों के टेस्टिंग से लेकर इलाज तक की पूरी व्यवस्था देश में सबसे बेहतरीन छत्तीसगढ़ में थी। देश के दूसरे राज्यों से आये लोगों के लिये भी राज्य सरकार ने इलाज और ठहरने का पूरा इंतजाम किया था। जब प्रधानमंत्री मोदी ताली और थाली बजवा रहे थे तब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इलाज और टेस्ट की वैज्ञानिक पद्धति पर जोर दे रहे थे।