72 % मम्मी मोबाइल दिखाकर बच्चे को खिला रही है खाना | बच्चे हो रहे है आटिज्म एवं ए डी एच डी का शिकार
72 % मम्मी मोबाइल दिखाकर बच्चे को खिला रही है खाना | बच्चे हो रहे है आटिज्म एवं ए डी एच डी का शिकार
बच्चे को मोबाइल का लत लगाने में उनके मम्मी अग्रणी भूमिका निभा रही रही है जिसके कारण से बच्चे हाइपर के शिकार होरहे है | यह बात चिल्ड्रेन रिसर्च इंटरनेशनल एवं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच आयोजित सर्वे की रिसर्च में पता चला | संस्था द्वरा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सर्वे किया गया जिसमे बच्चे के शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए माता पिता से प्रत्यक्ष सवांद किया गया अनेक प्रकार के प्रश्नोतरी किया गया जिसमे एक प्रश्न था की क्या आप 3 साल के नीचे के बच्चे को खाना खिलाते समय मोबाइल के स्क्रीन दिखाते है तो 72 % मम्मी ने स्वीकार किया की वह वैसी करती है क्योकि उनके बच्चे बिना मोबाइल देखे खाना नहीं खाते है | इसी प्रकार से मम्मी अपने टीवी शो देखते समय या किचन में काम करते समय भी बच्चे को मोबाइल स्क्रीन पकड़ा देती है | जिसके कारणं बच्चे आत्मकेंद्रित होते जा रहे है उनके सृजनात्मक सामाजिक विकास नहीं के बराबर हो रहे है एवं बच्चे इतना आत्मकेंद्रित हो जाते है कि वह बगल में क्या हो रहा है या कोई आवाज़ दे रहा है तो भी वह नहीं सुनते है और यह आटिज्म का पहला लक्षण है | बच्चे को दुनिया से मतलब नहीं होते है | यदि उनसे मोबाइल ले लिया जाता है तो वह हाइपर हो जाते है | इस तरह से बच्चे में आटिज्म एवं ए डी एच डी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है | हार्वड यूनिवर्सिटी एवं चिल्ड्रेन रिसर्च इंटरनेशनल के बीच आयोजित बेबिनार में भी इस विषय पर विस्तार से विषय विशेषज्ञ के साथ चर्चा किया गया | करोना काल के बाद मोबाइल एवं इंटरनेट का चलन बढ़ा है उसी तेज रफ्तार से आटिज्म एवं ए डी एच डी का शिकार हो रहे है | समय रहते यदि माता पिता जागरूक नहीं हुए तो इनके संख्या में काफी वृद्धि हो जाएगी | सीईओ डॉ राजेंद्र वर्मा ने बताया कि अभी बच्चे में स्पीच डिले , पढने लिखने में अक्षम देखने को मिल रहे है | पालक अपने बच्चे का काउंसलिंग जरुर कराये | इसमें किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए |