शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते नदी नाले का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते नदी नाले का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते  नदी नाले का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

जीवन का आधार जल को माना गया है अगर जल नहीं तो जीवन नही
मूलभूत सुविधाओं में बिजली सड़क और पानी को रखा गया है,


और इसकी सुविधा हर एक व्यक्ति को मिलनी चाहिए,,
परंतु शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते आज भी एक गांव जल जैसी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहा है,,
जी हां हम बात कर रहे हैं सरगुजा जिले के मैनपाट  विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत सुपरगा के बगनखीपाराकी,,
आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सुपलगा  के बंगनखीपारा में 20 परिवारो में तकरीबन 100 से ऊपर की संख्या में लोग निवास करते हैं
और वह पानी की सुविधा नहीं मिलने के कारण मजबूरी में नदी नालों के पानी को पी कर अपना जीवन चला रहे हैं,,
प्राप्त जानकारी के अनुसार बगनखी पारा में आज तक एक भी कुआ या बोरिंग शासन के द्वारा नहीं खुदवाया गया है,,
जिससे ग्रामीणों के पानी की समस्या को हल किया जा सके,,


शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते आज भी यहां के ग्रामीण नदी नालों का गंदा पानी पीकर अपना जीवन गुजार रहे हैं,,
नदी नालों का दूषित पानी पीने के कारण यहां के ग्रामीण अक्सर बीमार हो जाते हैं,,
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने गांव में पानी की सुविधा के लिए कई बार सरपंच एवं अधिकारियों को कहा साथ ही उनका दावा है कि मंत्री तक भी उनकी बात पहुंचाई गई,,
परंतु ग्रामीणों के इतना प्रयास करने के बाद भी आज उनको पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रखा गया है,,
अब देखने वाली बात यह है कि शासन प्रशासन की नींद कब खुलती है और इन लोगों को पानी की सुविधा कब प्राप्त होती,,
इसके साथ ही बगंनखी पारा में सड़क काफी खराब स्थिति में है,,
जैसे ही पानी गिरता है आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो जाता है,
वाहनों को कच्ची सड़क पर चलाना काफी दूभर हो जाता है
यदि किसी व्यक्ति की तबीयत खराब हो जाए तो ग्राम तक वाहन भी नहीं पहुंच सकता,,
जिससे व्यक्ति को तत्काल स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सके,,
अब देखने वाली बात यह है कि  पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से तरसते ग्रामीणों को कब यह लाभ प्राप्त होगा और वह स्वच्छ जल पी सकेंगे,,