*केरल फिल्म का विरोध कांग्रेस की जिहादी मानसिकता : भाजपा*। 

*कांग्रेस चाहती है कि हिन्दू अपने पीड़ा की अभिव्यक्ति भी न करें, जबरा मारे रोने भी न दे।* 

*केरल फिल्म का विरोध कांग्रेस की जिहादी मानसिकता : भाजपा*। 
*केरल फिल्म का विरोध कांग्रेस की जिहादी मानसिकता : भाजपा*। 

*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने 'द केरला स्टोरी' फिल्म को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान को कांग्रेस की जिहादी मानसिकता का परिचायक बताया है। श्री कश्यप ने पूछा कि देश के हिन्दू को अपने प्रति हो रहे अन्याय का सच बताने के अधिकार से भी कांग्रेस को पेट में दर्द क्यों होने लगता है? विदित रहे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत प्रमुख भाजपा नेताओं व कार्यकताओं ने मंगलवार को 'द केरला स्टोरी' फिल्म देखने के बाद इस फिल्म को सामाजिक सरोकारों से जुड़ी बताया था, जिस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम ने इसे लेकर भाजपा पर आरोप लगाया और फिल्म को नफ़रत फैलाने वाली बताया।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पहले कवर्धा और फिर बिरनपुर में हुए बवाल के बाद अब इस फिल्म को लेकर कांग्रेस का जिहादी चेहरा एक बार फिर सामने आया है और कांग्रेस जिहादियों के पक्ष में खुलकर सामने आई है। नारायणपुर और भेजरीपदर में भी धर्मांतरण के घातक एजेंडे को पोषित करने में कांग्रेस की सरकार ने तमाम कायदे-कानूनों को ताक पर रखा ही, जबरिया धर्मांतरण का विरोध कर रहे निर्दोष आदिवासियों को ही जेल में ठूँस दिया। श्री कश्यप ने कहा कि 'द केरला स्टोरी' को लेकर कांग्रेस का प्रलाप यह साबित करता है कि धर्मांतरण और तुष्टीकरण ही कांग्रेस का एजेंडा है। अपने खानदानी आकाओं के सामने अपने आपको अव्वल साबित करने की होड़ में कांग्रेस के तमाम नेता हिन्दू समाज के साथ हो रहे अन्याय की अनदेखी कर रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस का यह राजनीतिक चरित्र 'जबरा मारे, रोवन ना दे' की उक्ति को चरितार्थ कर रहा है। कांग्रेस हिन्दुओं को अपने विरुद्ध हो रहे षड्यंत्र व अन्याय का प्रतिकार करने, भारतीय समाज को उससे सचेत करने का अधिकार भी नहीं देना चाहती। हमारी बहन-बेटियों की करुण गाथा दिखाने-सुनाने नहीं देना चाहती। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस का समूचा सियासी वजूद ही हिन्दू-विरोध और तुष्टीकरण के एजेंडे पर टिका है, लेकिन कांग्रेस के लोग यह बात नोट कर लें कि अब कांग्रेस के इन सियासी झाँसों में न देश की जनता आएगी और न ही छत्तीसगढ़ की जनता। अगला विधानसभा चुनाव कांग्रेस मुक्त छत्तीसगढ़ के निर्माण पर मुहर लगाएगा।