*अत्याचारों से कांग्रेस और उसकी सरकार के कुशासन का घड़ा भरता जा रहा है - अमित साहू*
*प्रशासनिक अत्याचार चरम पर पहुंच चुका है कांग्रेस की महिला विधायक को जुर्माने के तौर अपना मंगलसूत्र उतार देने* *की नौबत आ गई - अमित साहू*
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू ने कांग्रेस विधायक छन्नी साहू द्वारा जुर्माना अदा करने के लिए मंगलसूत्र तक छोड़े जाने के घटनाक्रम को प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए बेहद अपमानजनक और शर्मनाक बताया है। श्री साहू ने कहा कि यह घटना कांग्रेस के कुशासन की पराकाष्ठा है। प्रशासनिक अत्याचार इस चरम पर पहुंच चुका है कि कांग्रेस की महिला विधायक को जुर्माने के तौर अपना मंगलसूत्र उतार देने की नौबत आ गई।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री साहू ने कहा कि आरटीओ द्वारा एक वाहन को ओवरलोड बताकर 52 हजार रुपए के जुर्माने का चालान काटे जाने के बाद कांग्रेस की महिला विधायक द्वारा उठाया गया यह कदम प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन तंत्र की कार्यप्रणाली की कलंक कथा को बयान करने के लिए पर्याप्त है। प्रदेश सरकार के बड़बोले मंत्रियों की फौज इस घटना को भी साधारण या मामूली बताने में शर्म महसूस न करे, लेकिन वे याद रखें कि इन सारे अत्याचारों से कांग्रेस और उसकी सरकार के कुशासन का घड़ा भरता जा रहा है। श्री साहू ने कहा कि विधायक छन्नी साहू के अपमान की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले उन्हें स्कूटी से विधानसभा आना पड़ा था। सत्ता पक्ष की विधायक होने के बावजूद उन्हें सदन में घुसने नहीं दिया गया था। विधायक शिवरतन शर्मा ने उस समय भी यह विषय उठाया था सदन में भी और सदन के दरवाज़े पर भी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस घटनाक्रम पर शर्म इसलिए भी महसूस नहीं होगी, क्योंकि शराब की नदियाँ बहाकर प्रदेश की हजारों बहन-बेटियों को मंगलसूत्र उतारने के लिए मज़बूर करने का पाप प्रदेश सरकार अपने मत्थे ओढ़ रखा है। अब वह अपनी महिला विधायक की लाज तक नहीं बचा पा रही है। श्री साहू ने कहा कि मंगलसूत्र एक विवाहित महिला के विवाह और अखंड सौभाग्य का पावन प्रतीक होता है जिसे हमारे भारतीय समाज में सर्वाधिक मान्यता व मान दिया गया है। लेकिन कांग्रेसी कुशासन में चरम तक पहुंच चुके प्रशासनिक अत्याचार ने पूरे प्रदेशभर की एक-एक महिला, बहन-बेटियों को परेशान कर रखा है। श्री साहू ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति अब इस सरकार को सत्ता से बेदखल करके ही अपने साथ हो रहे अत्याचारों का माकूल जवाब देने संकल्पित हैं।