*मुख्यमंत्री और सरकार की छवि खराब करने ईडी कर रही षडयंत्र - कांग्रेस*
*गिरफ्तार व्यवसायी के अदालत में खुलासे से ईडी का षडयंत्र बेनकाब*
रायपुर/11 मई 2023। मुख्यमंत्री और सरकार की छवि खराब करने ईडी कर रही षडयंत्र। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी द्वारा गिरफ्तार व्यवसायी अनवर ढेबर द्वारा अदालत में जज से यह कहा जाना कि मुझ पर मुख्यमंत्री और उनके परिवारजनों का नाम लेने के लिये दबाव डाल रही तथा मुझे प्रताड़ित कर रही है। मैं ईडी से इतना ज्यादा परेशान हूं कि आत्महत्या कर लूंगा बेहद ही गंभीर आरोप है। व्यवसायी अनवर ढेबर के द्वारा अदालत में किया गया खुलासा इस बात का प्रणाम है कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार को बदनाम करने परेशान करने की नीयत से ईडी को भेजकर गलत छापेमारी की कार्यवाही करवा रही है। छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्यवाही शुरू से संदिग्ध रही है पहले भी अनेक व्यपारियों, अधिकारियों ने ईडी पर प्रताड़ना और जबरिया हस्ताक्षर का आरोप लगाया है तथा ईडी की कार्यप्रणाली से यह आरोप लगते रहा है कि ईडी भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यो को पूरा करने के लिये ईडी का दुरूपयोग कर रही है। ईडी द्वारा मारे गये छापे उसी षडयंत्र का हिस्सा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य में पड़ रहे इडी के छापे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बढ़ रही लोकप्रियता और देशव्यापी स्वीकार्यता के कारण भाजपा के अंदर समाए हुए डर के कारण भी हैं। चार साल में कांग्रेस सरकार के ऊपर 4 रु. का भी प्रमाणिक भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा पाने वाली भाजपा राज्य सरकार की छवि खराब करने कांग्रेस पदाधिकारियों, अधिकारियों, व्यापारियों को टारगेट कर रही है। ईडी की सारी कार्यवाही कांग्रेस शासित राज्य में ही क्यां भाजपा शाषित राज्यो में ईडी, आईटी पंगु क्यो हो जाते हैं?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा राज्य में कांग्रेस सरकार का राजनैतिक रूप से मुकाबला नही कर पा रही है तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से राज्य की राजनीति, औद्योगिक और व्यापारिक माहौल को खराब करने का षड्यंत्र कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रति एकड़ धान खरीदी की सीमा 20 क्विंटल किये जाने और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के निर्णय से भाजपा बौखला गयी है। कांग्रेस सरकार के चार साल के जनकल्याणकारी कामों का मुकाबला करने के लिए भी भाजपा के पास कुछ नही है। छत्तीसगढ़ में राजनैतिक रूप से रसातल में पहुंच चुकी, भाजपा सोच रही है कि वह जांच एजेंसियों के बल पर राज्य में अपने वजूद को बचा लेगी।