*संगठन की मजबूती सरकार के कामो के बल पर फिर सरकार बनायेंगे - मोहन मरकाम*

*2023 में प्रचंड बहुमत से फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी*

*संगठन की मजबूती सरकार के कामो के बल पर फिर सरकार बनायेंगे - मोहन मरकाम*
*संगठन की मजबूती सरकार के कामो के बल पर फिर सरकार बनायेंगे - मोहन मरकाम*

रायपुर/18 मई 2023। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। भरोसे का सम्मेलन और संभागीय सम्मेलनों के बाद विधानसभा स्तर पर होने वाले सम्मेलनों से पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी नीतियों और योजनाओं का प्रशिक्षण देकर जनता के बीच भेजेगी। हमारी तैयारी बूथों तक पूरी हो चुकी है। हमारे संगठन की मजबूती और सरकार के जनकल्याण कार्यो का मुकाबला करने में विपक्ष पूरी तरह नाकामयाब है। आने वाले चुनाव में कांग्रेस सरकार के काम और जनकल्याणकारी योजनायें कांग्रेस सरकार का ब्रह्मास्त्र होगी। भाजपा के पास कांग्रेस का मुकाबला करने के लिये कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा हवाहवाई और काल्पनिक मुद्दों पर प्रदेश में राजनीति करना चाह रही जिसके कारण वह जनता से और दूर होते जा रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने के बाद कांग्रेस के प्रति जनता का भरोसा और बढ़ते गया, 5 उपचुनाव, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनावों में जनता ने भाजपा को नकार दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं में हताशा है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस के पास बताने के लिये अपने सरकार के गौरवशाली जनहित के काम है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी कृषि मजदूर न्याय योजना छत्तीसगढ़ की तस्वीर को बदला है। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 90 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दविहीन है। इसके विपरीत कांग्रेस के पास अपनी सरकार के 4 सालों के काम की लंबी फेहरिस्त है। जनता, कांग्रेस सरकार बनाम भाजपा के 15 साल की तुलना कर रही है। भाजपा ने 2003 में आदिवासियों को 10 लीटर दूध वाली गाय देने का वायदा किया था, हर आदिवासी परिवार से एक को सरकारी नौकरी का वायदा किया था, पूरा नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों से किये वादों को पूरा किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने साढ़े चार साल में आदिवासी वर्ग के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के एवं कानूनी अधिकार के लिये अनेको कार्य किया। बस्तर क्षेत्र में आदिवासी के वर्ग शिक्षा के लिए 300 से अधिक बंद स्कूलों को खोला गया। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के नीतियों के तहत काम किया गया। रमन सरकार के दौरान दस गांवों के 1707 आदिवासी परिवार से छीनी गई 4200 एकड़ जमीन को लौटाई गई, जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को जेल से मुक्त कराया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि तेंदूपत्ता का मानक दर 2500 रु से बढ़ाकर 4000 रु प्रति बोरा किया गया, 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी की गई, चरणपादुका खरीदने नगद राशि दी गई, बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया। 24827 व्यक्तिगत 20,000 से अधिक सामुदायिक व 2200 वन संसाधन पट्टे वितरित किए गए, 16 लाख से अधिक हेक्टर भूमि आदिवासी वर्ग को वितरित किया गया है। 4,38,000 से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 44,300 से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किया गया। 2175 से अधिक वन संसाधन अधिकार ग्राम सभा को प्रदान की गई। मिलेट मिशन शुरू किया गया और बस्तर के वनोपज को देश-विदेश तक पहुँचाया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, गन्ना, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी, मक्का, दलहन-तिलहन, फलदार वृक्ष, सब्जी लगाने वाले आदिवासी किसानों को 10,000 रू. प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। 85 विकास खंडों में वनों उपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए आठ करोड 50 लाख रुपए प्राधिकरण मद से दिया गया। बिजली बिल हाफ की सुविधाएं। सिंचाई कर माफ किया गया।