देशी गन फैक्ट्री में हथियार ! एंटी पोचिंग टीम की रेड से मची हड़ंकप,पहाड़ी में मौत का कारोबार,शिकारियों को आसानी से उपलब्ध कराते है हत्यार

-छत्तीसगढ़ के गरियाबंद की एंटी पोचिंग टीम एक्शन मोड में लगातार रेड की कार्रवाई कर रही है। इन सभी के बीच टीम ने तीन शिकारियों को दबोचा है

देशी गन फैक्ट्री में हथियार ! एंटी पोचिंग टीम की रेड से मची हड़ंकप,पहाड़ी में मौत का कारोबार,शिकारियों को आसानी से उपलब्ध कराते है हत्यार

देशी गन फैक्ट्री में हथियार ! एंटी पोचिंग टीम की रेड से मची हड़ंकप,पहाड़ी में मौत का कारोबार,शिकारियों को आसानी से उपलब्ध कराते है हत्यार, जानिए कैसे हत्थे चढ़े शातिर?

 गरियाबंद:-छत्तीसगढ़ के गरियाबंद की एंटी पोचिंग टीम एक्शन मोड में लगातार रेड की कार्रवाई कर रही है। इन सभी के बीच टीम ने तीन शिकारियों को दबोचा है,वहीं मुख्य आरोपी की तलाश की जा रही है, इसके साथ ही पहाड़ में मौजूद गन फैक्ट्री पर भी छापेमारी की है।शिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि शिकारियों को कम दामों में हथियार मिल जाते हैं, जिसका काला कारोबार तेजी से फल फूल रहा था, लेकिन टीम की छापेमारी से शिकारियों की सांसें हलक पर अटकी हुई है।दरअसल, 21 जून को उपनिदेश वरुण जैन के निर्देश में उदंती सीता नदी अभ्यारण की एंटी पोचिंग टीम अब शिकारियों को हथियार बरामद कराने वाले आरोपियों को पकड़ने कालाहांडी पहुंची। यहां के डीएफओ गजानंद देवांगन के साथ मिल एक सयुंक्त ऑपरेशन चलाया। जयपटना थाना क्षेत्र में मौजूद इंद्रावती बांध के ऊपर पहाड़ों में बसे मंगलपुर गांव में टीम ने दबिश दी. इस गांव में देशी भरमार बनाया जाता है। 13 जून को कोयबा और नवरंगपुर जिले में पकड़े गए आरोपियों से जो हथियार मिले थे, उसे मंगलपुर से खरीदी करना बताया गया था।


शिकारियों ने इसके लिए ऑन लाइन मनी ट्रांसफर भी किया था. पकड़े गए शिकारियों से मिले तथ्य के आधार पर संयुक्त टीम ने 21 को पहले 5 लोगों को हिरासत में लिया था, उसमें से 3 को पूछताछ के लिए भवानी पटना वन मुख्यालय ले जाया गया, संदेहियों के पास से हथियार बनाने के सामान, एक दांत ( बाघ प्रजाति के जानवर के) कुछ जंगली जानवरों के अवशेष भी जब्त किए गए हैं। मामले का मुख्य आरोपी अब तक फरार है,वरुण जैन ने कहा कि अभी पड़ताल जारी है,भवानीपटना प्रशासन इसमें कार्रवाई कर रही है,पूछताछ पूरी होने के बाद फॉरेस्ट एक्ट के अलावा ओडिशा में ही आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई होगी,मामले में अब तक कालाहांडी वन प्रशासन ने कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी है।

आजादी से पहले से बनाए जाते हैं हथियार

स्थानीय जानकार शेषदेव बेहरा ने बताया कि मंगलपुर में आजादी के पहले से ही देशी हथियार बनाए जाते थे. जयपटना राज घराने के राजा उमाशंकर देव ने बिंधानी परिवार को बसाया था. उस समय शिकार आम बात थी, तब बसाए गए परिवार भरमार और अन्य हथियार बना कर राजवाड़ों को देते थे. समय के साथ प्रतिबंध लगा तो इन्हें दूसरे रोजगार से जोड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए।
परिवार के कुछ सदस्य आज भी हथियार बनाने का प्रतिबंधित काम कर रहे हैं, समय समय पर पुलिस ने कार्रवाई भी की है। बताया जाता है कि दूर दराज से शिकारी इनके पास हथियार बनवाने आते हैं, 5 हजार से लेकर 20 हजार तक के देशी हथियार बनाए जाते हैं।