सद्गुरु धाम आश्रम का गौरखेड़ा में चल रहे तीन दिवसीय श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन
सद्गुरु धाम आश्रम का गौरखेड़ा में चल रहे तीन दिवसीय श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन
सदगुरु धाम आश्रम गौरखेड़ा समय के सद्गुरु स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज का आशीर्वचन एवं मां आदिश्री द्वारा राम कथा का श्रवण भक्तगण प्रतिदिन कर रहे हैं |
तीन दिवसीय सत्संग गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सदगुरुदेव ने पुर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा की इस पृथ्वी पर 12 पूर्णिमा होते हैं और सभी पूर्णिमा का अलग अलग महत्व है जैसे बुद्ध पूर्णिमा, नानक पूर्णिमा, कबीर पूर्णिमा जिसे कबीर जयंती के नाम से जाना जाता है | उसी प्रकार गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है| यह किसी एक व्यक्ति के नाम से नहीं अपितु , यह पर्व गुरु के नाम से जाना जाता है जब वर्षा होती है तो पेड़ पत्ते से जड़ तक तृप्त कर देते हैं, उसी प्रकार सदगुरुदेव शिष्य के सिर से लेकर पैर तक जन्मो जन्म का मलावरण को साफ कर देते हैं जिससे शिष्य का जीवन पूर्ण प्रकाशित हो जाता है| आगे स्वामी जी ने अपने प्रवचन में माता पिता के त्याग को समझाते हुए कहा कि आज का मानव मंदिरों में जाकर सिर झुका लेता है, प्रणाम कर लेता है| लेकिन घर जाकर अपने माता-पिता को प्रणाम नहीं करते और ना ही सेवा करते हैं, जबकि प्रथम गुरु तो मां होती है शिष्य जिस प्रकार गेहूं के एक दाना से बहुत दाना उत्पन्न होता है|
पृथ्वी अपने लिए कुछ भी नहीं छुपाती हजार गुना कर देती है उसी प्रकार माता-पिता है जो अपने लिए कुछ नहीं छुपाती सब अपने बच्चे को दे देते हैं | सद्गुरु देव जी ने कहा कि हम अपने शिष्यों के घर छोड़ देने परिवार छोड़ दो नहीं कहते आप अपने परिवार को भी पालो व एक - दूसरे के सहयोग से समाज को भी पालो| एक हाथ से व्यापार करने तथा एक हाथ से समाज की सेवा भी करने का भी संदेश दिया| सदविप्र समाज सेवा के राष्ट्रीय उपसंगठक आचार्य संतोष शर्मा जी ने जानकारी दिया कि त्रिदिवसीय साधना शिविर एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव, महा भंडारा के साथ में पुर्णाहुति हुआ जिसमें हजारों भक्तों ने साधना शिविर में भाग लिया वह महा भंडारे का प्रसाद प्राप्त किया आगे आचार्य जी ने बताया कि गुरुदेव जी 2 जुलाई को सद्गुरु धाम आश्रम दिल्ली में साधना शिविर एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव है|