*5 सूत्रीय मांग के लिए समग्र आन्दोलन छेड़ेगा अनियमित मोर्चा: गोपाल प्रसाद साहू*
सदस्यों ने एक स्वर में मांग की, कि कांग्रेस सरकार घोषणा पत्र में किये गए वादे अनुरूप नियमित भर्ती को बंद करते हुए प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी बंद करने, छटनी किये गए कर्मचारियों को बहाल करने एवं आउट सोर्सिंग/ठेका बंद करने तत्काल कार्यवाही करें|
रायपुर 23 मई 2023..छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर प्रथम चरण में 11 जून को परिवार सहित राजधानी में धरना-प्रदर्शन, द्वितीय चरण में 15 जून पश्चात् दिवाल लेखन के माध्यम अपनी पीड़ा एवं कांग्रेस के वादा खिलाफी को आम जनता के समक्ष रखेंगे एवं तृतीय चरण में मानसून विधानसभा सत्र के साथ समग्र आन्दोलन करेगा| उक्ताशय का निर्णय आज दिनांक 21 मई को रायपुर में विभिन्न अनियमित संगठनों के पदाधिकारियों के बैठक में निर्णय लिया गया|
उल्लेखनीय है कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों के मांगों को पूरा करने का वादा किया| इसी प्रकार कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने एवं आउट सोर्सिंग बंद करने तथा पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने का वादा किया था| मुख्यमंत्री ने 14 फ़रवरी 2019 को अनियमित मंच से घोषणा किये की यह वर्ष किसानों का है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा| मार्च 2019 में बनी समिति अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी? जुलाई 2019 से शासन अभी तक अनियमित कर्मचारियों की आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकी? आउट सोर्सिंग बंद नहीं हुआ| कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कुल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वस्थ्य कर्मचारियों, ग्रामीण विकास विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटरों की छटनी कर दी गई एवं छटनी निरंतर जारी है, मार्च 2017 के पश्चात् न्यूनतम वेतन एवं अगस्त 2019 के पश्चात् संविदा वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई| क्या यह दोहरी नीति नहीं है?
सरकार नौकरी तिहार मना रही है? और विभिन्न विभागों यथा शिक्षा विभाग, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, वन विभाग, सहकारिता विभाग पशुधन विकास विभाग, सहकारिता विभाग में वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को निकाले जाने के भय से जीवन जीने विवश हो रहा है| शिक्षा विभाग अंतर्गत बीजापुर सुकमा में 301 शिक्षा दूत, बीजापुर में 70 शिक्षा मितान, बस्तर 160 शिक्षण सेवक, कोंडागांव में 508 ट्यूटर शिक्षक, दंतेवाडा, कांकेर, नारायणपुर, मुंगेली में 1185 स्थानीय अतिथि शिक्षक, कबीरधाम में 126 शाला संगवारी, मदरसा अतिथि शिक्षक 1005, एकलव्य विद्यालय अतिथि शिक्षक 386 इन्हें भर्ती में किसी प्रकार की वेटेज नहीं दी जा रही है केवल 1659 अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) जो उच्चतर शाला में कार्यरत उन्हें वेटेज दी जा रही है जबकि अधिकांश अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) के पास टेट प्रमाण-पत्र नहीं होने से ये फार्म भर ही नहीं पाएंगे| इसी प्रकार आई.टी.आई. में कार्यरत 350 प्रशिक्षण अधिकारी एवं 750 मेहमान प्रवक्ता, वन विभाग में सहायक प्रबंधक एवं कार्यालयीन संवर्ग के अनियमित कर्मचारी 576, सहकारिता विभाग के 522 से अधिक अनियमित कर्मचारी प्रभावित होंगे| कांग्रेस सरकार के इस कृत्य से अनियमित कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है|
5 सूत्रीय मांग :
/1// समस्त अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण //2// निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की बहाली //3// अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे //4// आउट सोर्सिंग/ठेका बंद किया जावे //5// दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी जावे |
उपस्थित सदस्यों ने एक स्वर में मांग की, कि कांग्रेस सरकार घोषणा पत्र में किये गए वादे अनुरूप नियमित भर्ती को बंद करते हुए प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, छटनी बंद करने, छटनी किये गए कर्मचारियों को बहाल करने एवं आउट सोर्सिंग/ठेका बंद करने तत्काल कार्यवाही करें|