*मुख्यमंत्री जिन ग्रामीणों के बने थे पहुना, वे ग्रामीण बने मुख्यमंत्री के पहुना*

*भेंट-मुलाकात के दौरान रायपुर संभाग में जिन ग्रामीणों के घर मुख्यमंत्री ने भोजन किया, उन्हें मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रात्रि भोज में किया आमंत्रित* 

*मुख्यमंत्री जिन ग्रामीणों के बने थे पहुना, वे ग्रामीण बने मुख्यमंत्री के पहुना*
*मुख्यमंत्री जिन ग्रामीणों के बने थे पहुना, वे ग्रामीण बने मुख्यमंत्री के पहुना*

रायपुर, 28 मई 2023/ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की विधानसभाओं में लोगों से प्रत्यक्ष मुलाकात कर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्थिति जानी थी। साथ ही विधानसभा क्षेत्र के ही ग्रामीण परिवारों के साथ भोजन भी किया था। इन ग्रामीण परिवारों ने पारंपरिक तरीकों से मुख्यमंत्री का स्वागत किया था और उनसे भोजन के दौरान सुख-दुख की चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने इन ग्रामीण परिवारों को अपने घर भोज पर आमंत्रित किया। पिछली बार जिन ग्रामीणों के पहुना मुख्यमंत्री बने थे, वे ग्रामीण अब मुख्यमंत्री के पहुना बन रहे हैं। रायपुर संभाग से इसकी शुरूआत हुई है। आज रायपुर संभाग के 19 विधानसभाओं से ग्रामीण परिवार और सरपंच रात्रि भोज करने मुख्यमंत्री निवास आए। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया समेत संबंधित क्षेत्र के विधायकगण उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री निवास में सभी आगंतुकों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि जब मैं आप मन के पहुना रहेंव, तब आप मन ह बढ़िया स्वागत करेंव अउ बहुत बढ़िया भोजन कराएव, ये दरी आप मोर पहुना हव। इस तरह मुख्यमंत्री ने अतिथियों से कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान मेरे सबसे अच्छे अनुभवों में आप लोगों के घरों में खाना, खाना रहा। हम सभी छत्तीसगढ़ की परंपरा के मुताबिक जमीन पर बैठे। घर की महिलाओं ने हमें भोजन परोसा। भोजन के दौरान कितनी सुंदर चर्चा होती रही। पूरे भेंट-मुलाकात के दौरान मुझे महसूस होता रहा कि छत्तीसगढ़ में कितने अलग-अलग तरह की खानपान की परंपरा है और कितने सारे व्यंजन है। बस्तर में अलग तरह की भाजियां, रायपुर में अलग तरह की भाजियां। पकवानों को बनाने का तरीका भी अलग-अलग। पूरी यात्रा के दौरान मुझे इस बात पर भी गर्व होता रहा कि आप लोगों ने पुरखों से सीखी हुई खानपान की परंपराएं कायम रखी हैं। हर जगह खाना इतना बढ़िया बनाया गया था कि मुझे लगा कि भोजन के दौरान मैं कहीं बाहर नहीं हूँ। अपने घर में ही हूँ।

मुख्यमंत्री ने चर्चा में कहा कि कई बार मैं सोचता हूँ कि खाने का स्वाद इस पर भी निर्भर करता है कि खिलाने वाला कितनी रुचि से और स्नेह से इसे बना रहे हैं। जब हर जगह स्वादिष्ट भोजन मुझे मिला तो मैंने यह भी महसूस किया कि लोग मुझसे कितना स्नेह करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से भेंट-मुलाकात के दौरान जो आत्मीय रिश्ता बना है। वो हमेशा कायम रहेगा। आप सभी मेरे परिवार के सदस्य हैं। इस मौके पर अतिथियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमें तो यही लगा था कि हमें मुख्यमंत्री के साथ समय बिताने का एकमात्र अवसर मिल सका है। जब आपका आमंत्रण मिला तो बहुत खुशी हुई। आप हम सबका बहुत ध्यान रखते हैं।

मुख्यमंत्री ने रायपुर संभाग से आये अपने अतिथियों के लिए विशेष तौर पर ऐसे पकवान तैयार किये थे जो स्थानीय स्तर पर बहुत शौक से खाए जाते हैं। इसमें किस्म किस्म की भाजी, चावल से बने हुए पकवान और तरह-तरह की चटनी आदि शामिल रही। 

उल्लेखनीय है कि सरगुजा संभाग में मुख्यमंत्री ने जिन ग्रामीण परिवारों के साथ भोजन किया था, उन्हें भी उन्होंने दोपहर के भोजन के लिए 29 मई सोमवार को आमंत्रित किया है। 30 मई मंगलवार को वे बस्तर संभाग के ऐसे ग्रामीणों के साथ भोजन करेंगे, जिनके घर उन्होंने भेंट-मुलाकात के दौरान भोजन किया था। 

*ग्रामीणों ने किये अनुभव साझा-* रायपुर उत्तर विधानसभा के त्रिमूर्ति नगर से आई कौशल्या सोनी ने कहा कि मैं आंगनबाड़ी सहायिका हूँ। मुख्यमंत्री हमारे घर खाने पर आये थे। आज उन्होंने हमें खाने पर बुलाया। हमें बहुत अच्छा लगा। कोटा से आई सुमन यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय ने आज हमें भोजन पर आमंत्रित किया। हमसे बातें की। वे जब हमारे घर आये थे तब बहुत अच्छा लगा। आज हम उनके घर आये तो हमें उतनी ही खुशी हो रही है। सेमरा-बी से आये रमेश सिन्हा ने कहा कि मेरे यहां 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री भोजन के लिए आये थे। उन्होंने हमें आमंत्रित किया, हमें बहुत अच्छा लगा। बोरियाखुर्द से आई पुष्पा साहू ने कहा कि आज हमें बहुत अच्छा लगा। इससे पहले मुख्यमंत्री हमारे यहां भोजन के लिए आये थे। आज उन्होंने हमें बुला लिया। यहां वे सबसे मिल रहे हैं। हमें बहुत अच्छा लग रहा है।