प्रशासन ने कई सालों तक किया नजरअंदाज मजबूर ग्रामीणों ने खुद ही बना लिया लकड़ी का अस्थाई पुलिया

प्रशासन ने कई सालों तक किया नजरअंदाज मजबूर ग्रामीणों ने खुद ही बना लिया लकड़ी का अस्थाई पुलिया

प्रशासन ने कई सालों तक किया नजरअंदाज मजबूर ग्रामीणों ने खुद ही बना लिया लकड़ी का अस्थाई पुलिया

प्रशासन ने कई सालों तक किया नजरअंदाज मजबूर ग्रामीणों ने खुद ही बना लिया लकड़ी का अस्थाई पुलिया


 कोण्डागांव जिला मुख्यालय से महज 10किमी कि दुरी पर बसे ग्राम पंचायत चमाई जहां लगभग 2000 की आबादी का बसाहट होता है ।चमाई ग्राम पंचायत  जिसका आश्रित ग्राम कोकोड भाटा जो ग्राम चमाई से एक किलोमीटर के दुरी पर बसा है जहां 150 घर जो कयी सालों से निवासरत हैं ।


 आपको बता दें कोकोड भाटा पहुंचने का एक ही मार्ग है जहां बीच में एक नाला बहता है । इस नाले पर फूल नहीं होने के कारण कोकोड भाटा के निवासियों को पंचायत मुख्यालय या फिर जिला मुख्यालय पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ।
यदि किसी मरीज को हॉस्पिटल आना हो या किसी विद्यार्थी को स्कूल जाना हो या फिर ग्राम वासियों को राशन सामग्री उठानी हो तो इस मार्ग से होकर ही जाना पड़ता है ।
ऐसे में बारिश के दिनों में कई कई दिनों तक यह सड़क  औरुध हो जाता है । ग्राम वासियों ने कई दफे शासन प्रशासन को इस समस्या को लेकर आवेदन दिया मगर शासन प्रशासन में बैठे लोग ग्राम वासियों की कोई सुध नहीं ले रहा है ।
  बीते दिनों ग्राम वासियों ने अपनी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस नाले पर स्वयं ही लकड़ी के अस्थाई पुल का निर्माण किया जो अत्यधिक बारिश होने से यह  कभी भी धराशाई हो जाएगा ।
  वैसे तो यह चमाई ग्राम पंचायत जिला मुख्यालय कोण्डागांव  के सीमांकन पर है मगर विधानसभा की बात करें तो यह नारायणपुर जिले के अंतर्गत आता है ।
ऐसे में यहां के निवासियों को काफी समस्या उठानी पड़ रही है ।