*तेंदूपत्ता संग्राहकों पर पड़ रही दोहरी मार, पिछले 4 सालों से घटती जा रही खरीदी की डिमांड: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*भूपेश सरकार के 4 सालों में 13 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की हुई कम खरीदी: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप*
*रायपुर, 11 मई 2023..छत्तीसगढ़ में 'हरा सोना' के नाम से पहजाने जाने वाले तेंदूपत्ता खरीदी की डिमांड पिछले सालों के मुकाबले घटती जा रही है। आदिवासी क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्राहकों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ जहां डिमांड घट रही है तो वहीं उन्हें उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि समय से पहले तेदूपत्ता की की खरीदी बंद हो जा रही है। खरीदी सीमित कर दी गई है। संग्राहकों के बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही है। साथ ही वनवासियों को चरण पादुका और साड़ी योजना से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि 4000 रूपए प्रति मानक बोरे से बढ़ाकर 5 हजार किया जाए।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लगभग 12 लाख तेदूपत्ता संग्राहक हैं। जिनके परिवार में लगभग 50 लाख लोग पत्ता तोड़ने वाले हैं। जो पूरी तरह से तेदूपत्ता पर ही आश्रित हैं। बावजूद इसके भूपेश सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों से वादाखिलाफी करते हुए टारगेट का बहाना बनाकर खरीदी बंद कर दी है। 50 फीसदी पत्ता जंगल में गिर गया, जिससे तेदूपत्ता संग्राहकों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने भूपेश सरकार ने मांग करते हुए कहा कि टारगेट नहीं होना चाहिए, जबतक जंगल में पत्ता हो, तबतक खरीदी होनी चाहिए। जिससे सीधे संग्राहकों को लाभ मिल सके। क्योंकि इन लोगों के पास यही एक मात्र आय का ही स्रोत है।
'आप' प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि आलम यह है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अतिरिक्त बोनस भी सही से नहीं मिल पा रहा है। अतिरिक्त बोनस में समस्या यह है कि किसी को ज्यादा मिल जाता है या फिर किसी को कम मिल रहा है। आम आदमी पार्टी की मांग है कि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का समूह बीमा 12 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार किया जाए। तेदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों को मुफ्त में नर्सिंग की पढ़ाई कराई जाए।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने तेंदूपत्ता समिति प्रबंधकों को नियमित करने और फड़ मुंशी को एक-एक हजार रूपए मानदेय देने का वादा किया था, लेकिन आज सत्ता में आने के बाद साढ़े चार साल का समय बीत गया लेकिन भूपेश सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने भूपेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि 33 सालों से मानदेय पर काम कर रहे तेंदूपत्ता समिति प्रबंधकों को नियमित किया जाए। साथ ही कमीशन पर काम करने वाले फड़ मुंशी को 1 हजार रूपए का मानदेय दिया जाए। जब 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है तो उन्हें एक हजार रूपए क्यों नहीं दिया जा सकता है।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने एक-एक पत्ता खरीदने का वादा की थी, लेकिन भूपेश सरकार ने 27 दिसंबर 2020 को संचालक मंडल की 80वीं बैठक में तेंदूपत्ता खरीदी कम करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि 2019 में 1 लाख 66 हजार, 2020 में 7 लाख, 2021 में 3 लाख 65 हजार, 2022 में एक लाख और भूपेश सरकार के 4 वर्षों में कुल 13 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता की कम खरीदी की गई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के साथ किस तरह "झूठी सरकार" छलावा कर रही है। यह सरकार किसान विरोधी सरकार है।