*हड़ताली बिजली मीटर एवं पंचायत सचिव के मांग का "आप" ने किया समर्थन, दोनों संघों से वादाखिलाफी बंद हो: विजय झा, वरिष्ठ नेता, आप*

*प्रदेश का 200 करोड़ रुपए बचाने के लिए किया जा रहा आंदोलन, सरकार को हराने की अधिकारियों की होगी जिम्मेदारी: विजय झा, वरिष्ठ नेता, आप*

*हड़ताली बिजली मीटर एवं पंचायत सचिव के मांग का "आप" ने किया समर्थन, दोनों संघों से वादाखिलाफी बंद हो: विजय झा, वरिष्ठ नेता, आप*
*हड़ताली बिजली मीटर एवं पंचायत सचिव के मांग का "आप" ने किया समर्थन, दोनों संघों से वादाखिलाफी बंद हो: विजय झा, वरिष्ठ नेता, आप*

*रायपुर, 08 मई 2023....छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत अधिनियम के अंतर्गत नियुक्त पंचायत सचिव एवं विद्युत मंडल के प्लेसमेंट मीटर रीडर कर्मचारियों ने अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन किया। आंदोलन का आम आदमी पार्टी ने समर्थन करते हुए डंगनिया स्थित विद्युत कार्यालय उसके बाद तूता धरना स्थल नवारायपुर में मीटर रीडर एवं पंचायत सचिवों के आंदोलन की सभा को संबोधित कर जायज मांगों का समर्थन किया।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल साहू एवं जिला सचिव विजय कुमार झा ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा ठेका प्रथा व प्लेसमेंट बंद करने का वादा किया गया था। लेकिन आज भी ठेका प्रथा, प्लेसमेंट प्रथा जारी है। विद्युत मंडल के मीटर रीडर संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीएस पाटले के नेतृत्व में प्रदेश का 200 करोड़ रुपए बचाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। विद्युत मंडल व प्लेसमेंट के ठेका बिचौलिए के बीच प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपए की क्षति हो रही है। साथी महीने में मात्र 15 दिन काम लिया जाकर 15 दिन घर बैठा दिया जाता है, जबकि विद्युत प्रवाह 12 महीना तीसों दिन जारी रहता है। इसी प्रकार पंचायत सचिव प्रदेश अध्यक्ष तुलसी प्रसाद साहू के नेतृत्व में शिक्षाकर्मियों की भांति पंचायत सचिवों को भी पंचायत अधिनियम से मुक्त कर शासकीयकरण किए जाने की मांग की जा रही है। 

आम आदमी पार्टी के नेता विजय कुमार झा, उपाध्यक्ष गोपाल साहू ने संबोधित कर जायज मांगों को पूरा करने, वादाखिलाफी तत्काल बंद करने, की मांग की है। विजय झा ने अपने संबोधन में कहा कि इसके पूर्व एमडी राजीव रंजन छत्तीसगढ़ से बिहार जाकर विधायक बने। वर्तमान एमडी मनोज खरे से प्लेसमेंट समाप्त करने, पूरे महीना काम लेने, नियमितीकरण की मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई, लेकिन वार्ता विफल रही और वे 4 महीने बाद निर्णय लेने की बात करते रहे। स्पष्ट है कि 4 महीने में सरकार को हराने की जिम्मेदारी भी ऐसे ही अधिकारियों की होगी। पार्टी नेताओं के साथ वरिष्ठ नेता जेड हैदरी, वीरेंद्र पवार, पदुमन शर्मा, संजय गभेल, विकास दास मानिकपुरी ने आंदोलन का समर्थन किया।